
महराजगंज के बृजमनगंज थाना क्षेत्र के लेहड़ा जंगल में एक प्रेमी ने महिला का चाकू से गला रेत दिया, लेकिन समय पर पहुंची पुलिस ने न केवल उसे अस्पताल पहुंचाया, बल्कि कॉन्स्टेबल संदीप गौतम ने अपना खून देकर उसकी जान भी बचाई, बुधवार देर शाम बृजमनगंज थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह कॉन्स्टेबल संदीप गौतम के साथ गश्त पर थे।
इसी दौरान लेहड़ा जंगल में उन्हें खून से लथपथ एक महिला पड़ी मिली, हालत बेहद नाजुक थी, गले से तेज धार वाले चाकू के गहरे घाव थे, पुलिस ने समय गंवाए बिना महिला को बनकटी हॉस्पिटल पहुंचाया, वहां से उसे जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया।
खून की जरूरत पड़ी तो कॉन्स्टेबल ने खुद किया रक्तदान :-
मेडिकल कॉलेज में महिला की हालत गंभीर बनी हुई थी, डॉक्टरों ने खून की तत्काल जरूरत बताई, इस पर कॉन्स्टेबल संदीप गौतम ने बिना देर किए खुद रक्तदान किया, समय पर मिला खून महिला की जान बचाने में निर्णायक साबित हुआ।
15 साल से प्रेमी के साथ रह रही थी महिला :-
घायल महिला की पहचान अनीता गौड़ (निवासी – सिंहपुर तल्ही, थाना पुरंदरपुर) के रूप में हुई है, अनीता के पहले पति की मौत के बाद वह बीते 15 वर्षों से अपने चार बच्चों के साथ प्रेमी दिनेश कुमार प्रजापति के साथ रह रही थी, दोनों पति-पत्नी की तरह ही साथ रहते थे।
मंदिर दर्शन के दौरान हुआ विवाद, प्रेमी ने कर दी वारदात :-
थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि दोनों लेहड़ा मंदिर दर्शन के लिए आए थे, इसी दौरान किसी बात पर विवाद हुआ और दिनेश ने चाकू निकालकर महिला का गला रेत दिया। हमला करने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया, अनीता को होश आने पर उसने पुलिस को पूरी वारदात की जानकारी दी।
प्रेमी पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज :-
अनीता के बयान के आधार पर आरोपी दिनेश प्रजापति के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश की जा रही है, जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
जिंदगी बचाने वाला कॉन्स्टेबल बना हीरो :-
इस पूरे घटनाक्रम में कॉन्स्टेबल संदीप गौतम की तत्परता और संवेदनशीलता चर्चा का विषय बन गई है, न सिर्फ घायल महिला को कंधे पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया, बल्कि खून देकर उसकी जिंदगी की डोर थामे रखी, स्थानीय लोग और अधिकारियों ने संदीप की सराहना की है।
समय से मिला इलाज और खून, इसलिए बची जान :-
थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह ने कहा, “जंगल में महिला की हालत देखकर हम समझ गए थे कि वक्त नहीं गंवाया जा सकता, तत्काल हॉस्पिटल लेकर भागे और मेडिकल कॉलेज में खून की जरूरत पड़ते ही संदीप ने आगे बढ़कर रक्तदान किया, शायद यही वजह है कि आज वह महिला जिंदा है।”
फिलहाल क्या है स्थिति…?
अनीता गौड़ का इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में जारी है, डॉक्टरों के अनुसार उसकी स्थिति अभी भी नाजुक है, लेकिन खून मिलने और समय से इलाज शुरू होने के चलते उसकी जान बच सकी है।
एक तरफ दरिंदगी, दूसरी तरफ मानवता :-
इस घटना ने एक साथ दो तस्वीरें दिखाईं – एक तरफ दरिंदगी की हद पार करता प्रेमी, जिसने महिला का गला रेत दिया, दूसरी तरफ संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते कॉन्स्टेबल, जिसने न सिर्फ फर्ज निभाया बल्कि एक अनजान महिला के लिए जीवनदायिनी बन गया।