
अहमदाबाद हादसा: DGCA ने एअर इंडिया के 3 अधिकारियों को हटाने का आदेश दिया, 10 दिन में रिपोर्ट भी मांगी :
12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद DGCA ने सख्त रुख अपनाते हुए एअर इंडिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। इस हादसे में लंदन जा रही फ्लाइट AI-171 टेक-ऑफ के कुछ ही समय बाद मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से टकरा गई थी, जिससे यात्रियों समेत 270 लोगों की जान चली गई।
DGCA का आदेश और कार्रवाई:
DGCA ने 20 जून को एअर इंडिया को निर्देशित किया कि वह डिविजनल वाइस प्रेसिडेंट चूड़ा सिंह, क्रू शेड्यूलिंग की चीफ मैनेजर पिंकी मित्तल और प्लानिंग अधिकारी पायल अरोड़ा को तत्काल हटाए, इन तीनों को क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग संबंधी सभी कार्यों से हटाकर नॉन-ऑपरेशनल पदों पर तैनात करने का आदेश दिया गया है, साथ ही इन्हें तब तक किसी भी सेफ्टी या क्रू कंप्लायंस से जुड़े पदों की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी, जब तक सुधारात्मक प्रक्रियाएं पूरी नहीं होतीं।
DGCA ने एअर इंडिया को इन अधिकारियों के खिलाफ इंटर-डिसिप्लिनरी कार्रवाई शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं और इस पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर मांगी है।
तीनों अधिकारियों पर लगे तीन बड़े आरोप:
- नियम विरुद्ध क्रू पेयरिंग – तय मानकों के खिलाफ जाकर क्रू की टीम बनाना।
- अनिवार्य उड़ान अनुभव और लाइसेंसिंग नियमों की अनदेखी – नियमों का पालन न करते हुए बिना उपयुक्त अनुभव के कर्मियों को ड्यूटी देना।
- शेड्यूलिंग प्रोटोकॉल का उल्लंघन – क्रू की तैनाती और ड्यूटी रोस्टर तैयार करने में सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी।
एअर इंडिया की प्रतिक्रिया:
एअर इंडिया ने स्पष्ट किया कि DGCA के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है, कंपनी ने यह भी बताया कि अब उनके चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर इंटीग्रेटेड ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर की निगरानी स्वयं करेंगे।
DGCA की सख्त चेतावनी:
DGCA ने चेताया है कि भविष्य में यदि क्रू शेड्यूलिंग, लाइसेंसिंग या फ्लाइट ड्यूटी नियमों का कोई भी उल्लंघन पाया गया, तो नियामक कड़ी कार्रवाई करेगा, इसमें आर्थिक जुर्माना, संबंधित अधिकारी का लाइसेंस निलंबन या एअरलाइन की ऑपरेटर परमिशन तक रद्द करने की कार्रवाई शामिल हो सकती है।
इस पूरे मामले ने विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों और उनके पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, DGCA की कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत गया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।