सुप्रीम कोर्ट ने मंदिरों को दान में मिलने वाली धनराशि को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है, शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को स्पष्ट कहा कि मंदिर को दान में दिया गया पैसा देवता का धन होता है और इसे किसी सहकारी बैंक को बचाने या उन्हें समृद्ध करने के उद्देश्य से उपयोग नहीं किया जा सकता।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ केरल के कुछ सहकारी बैंकों की उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें केरल हाईकोर्ट द्वारा Thirunelly Temple Devaswom की जमा राशि वापस लौटाने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश में आखिर गलत क्या है, क्योंकि दान की गई राशि देवता के लिए होती है और इसका उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता।





