
महराजगंज में इन दिनों वायरल कंजक्टिवाइटिस या एपिडेमिक केराटोकंजक्टिवाइटिस (ईकेसी) तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। एडिनोवायरस से फैलने वाला यह संक्रमण आंख की सफेद परत के साथ-साथ कॉर्निया को भी प्रभावित करता है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर पहचान और इलाज न मिले, तो यह कॉर्नियल अल्सर में बदल सकता है, जिससे स्थायी दृष्टि हानि का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षण जिनसे सतर्क रहें :
तेज चुभन, दर्द, जलन, आंखों की लालिमा, पानी या म्यूकस जैसा डिस्चार्ज, पलकों की सूजन और धुंधला दिखना—ये इसके प्रमुख संकेत हैं। रोशनी से चुभन और कान के आगे लसीका ग्रंथि में सूजन भी इसकी पहचान हो सकती है। ऐसे लक्षण दिखते ही बिना देरी किए नेत्र चिकित्सक से जांच कराएं।
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय :
* आंखों को हाथ से न छुएं और न रगड़ें।
* बार-बार साबुन से हाथ धोएं।
* तौलिया, रूमाल, तकिया, आई-मेकअप जैसी निजी वस्तुएं साझा न करें।
* निजी वस्तुएं हमेशा साफ रखें और धूप से बचने के लिए सनग्लास पहनें।
* संक्रमण के दौरान स्कूल या ऑफिस जाने से बचें।
बिना परामर्श दवा न लें :
सृजन आई हॉस्पिटल के नेत्र सर्जन डॉ. बी.एन. वर्मा ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं। डॉक्टर की सलाह के बिना आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल आंखों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।