
नेपाल बॉर्डर से 5 किमी भीतर सरकारी मदरसे में झाड़-फूंक का मामला, रूहानी इलाज की आड़ में साजिश की आशंका :
महराजगंज ;
जिले की नौतनवा तहसील अंतर्गत शेखुआनी गांव स्थित दारुल उलूम अहले सुन्नत यार अलविया फैजुल रसूल मदरसा एक खबर के चलते चर्चा में आ गया है, एक मौलाना को तंत्र-मंत्र, झाड़-फूंक और रूहानी इलाज जैसी गतिविधियां करते हुए देखा जा रहा है, बताया जा रहा है कि मौलाना नेपाल और सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों को बुलाकर यह कार्य कर रहा था।

मदरसा सरकारी अनुदान प्राप्त है और परसा मलिक थाना क्षेत्र में संचालित होता है। मामला सामने आने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने संज्ञान लेते हुए मदरसा प्रबंधन को नोटिस जारी किया है, दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि परिसर में इस प्रकार की गतिविधियां क्यों की जा रही थीं।
वर्षों से जारी गतिविधियों का आरोप :
सूत्रों के अनुसार यह गतिविधियां नई नहीं हैं, मौलाना पर लंबे समय से सीमावर्ती क्षेत्रों के गरीब, अशिक्षित और बीमार लोगों को रूहानी इलाज के बहाने बुलाने का आरोप है, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इन लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित कर किसी खास विचारधारा की ओर प्रेरित किया जाता है, इसे लेकर गहरी साजिश की आशंका भी जताई जा रही है, जो सीमा सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर माना जा रहा है।
मदरसा प्रबंधन ने आरोपों को बताया निराधार :
मदरसे के प्रिंसिपल महफूज आलम ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बातो को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और यह संस्थान की छवि खराब करने की साजिश है, उन्होंने दावा किया कि मदरसे में कोई अवैध या अनुचित गतिविधि नहीं हो रही।
प्रशासन और खुफिया एजेंसियां सतर्क :
मामले के उजागर होने और वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन और खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं, सीमावर्ती क्षेत्रों में संचालित मदरसों की गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी गई है, माना जा रहा है कि यह मामला केवल धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी जांच राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में भी की जा रही है।