
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ से किया, इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस-वे पर खड़े होकर निरीक्षण किया और तस्वीरें भी खिंचवाई, उद्घाटन के बाद उन्होंने कार से सफर करते हुए पूरे 91.35 किलोमीटर लंबे मार्ग का निरीक्षण किया और गोरखपुर पहुंचे।


सीएम योगी का हमला: बेटियों की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को नहीं मिलेगी माफी :
सलारपुर में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा, “जो बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा में सेंध लगाएगा, उसके लिए यमराज का टिकट पक्का है, उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में डर और अराजकता का कोई स्थान नहीं है, सरकार सबके लिए सुरक्षा, सम्मान और विकास सुनिश्चित कर रही है।
अयोध्या के बाद अब मथुरा-वृंदावन की बारी: CM योगी
योगी ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अब मथुरा-वृंदावन के विकास की बारी है, वहां भी काम शुरू कर दिया गया है हमारी सरकार विरासत को संजोते हुए आधुनिक विकास के रास्ते पर चल रही है।
आजमगढ़ अब साहस का गढ़’: मुख्यमंत्री :
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब आजमगढ़ के नाम से ही लोग डरते थे, लेकिन अब यह जिला अदम्य साहस, परिवर्तन और विकास का प्रतीक बन गया है, उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में आजमगढ़ की पूरी तस्वीर बदल चुकी है।
‘भर्ती में होता था भेदभाव, अब पारदर्शिता है’ :
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले जब भर्ती निकलती थी, तो चाचा-भतीजा वसूली के लिए निकल जाते थे, भर्ती में पैसे लिए बिना चयन ही नहीं होता था, अब व्यवस्था पारदर्शी हो चुकी है, और भेदभाव की कोई जगह नहीं बची।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के नाम पर किया गया धोखा :
सीएम योगी ने कहा कि पहले की सरकारों ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के नाम पर जनता को ठगा, विकास की बजाय उनका गठजोड़ मुंबई की D कंपनी से था, सुरक्षा में सेंध लगाई जाती थी और आतंकी घटनाओं के बाद आजमगढ़ बदनाम होता था।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे की प्रमुख विशेषताएं :-
लंबाई: 91.35 किलोमीटर
शुरुआत: गोरखपुर के जैतपुर से
अंत: आजमगढ़ के सलारपुर तक
जुड़ाव: गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ जिले
निर्माण शुरू: 10 फरवरी 2020
समाप्ति: पांच साल चार महीने में निर्माण कार्य पूर्ण
लागत: ₹7,283.28 करोड़
सुविधाएं: हर 25 किमी पर रेस्ट एरिया
यात्रा समय: आजमगढ़ से लखनऊ अब केवल साढ़े तीन घंटे
यह एक्सप्रेस-वे न केवल पूर्वांचल को बेहतर कनेक्टिविटी देगा, बल्कि क्षेत्रीय उद्योग, निवेश और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।