नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में विशेष चर्चा जारी है, इस चर्चा में हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी बात रखी।
चर्चा के दौरान ओवैसी ने कहा कि यदि हम ‘भारत माता’ को देवी के रूप में प्रस्तुत करते हैं, तो हम राष्ट्रवाद के साथ धर्म को जोड़ रहे हैं, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि देशभक्ति को किसी एक धर्म या आस्था से जोड़ना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
ओवैसी ने यह भी कहा कि वंदे मातरम् को लेकर किसी भी नागरिक पर जबरदस्ती या दबाव बनाना उचित नहीं है, क्योंकि भारत का संविधान सभी को धार्मिक स्वतंत्रता और समान अधिकार देता है।





