नई दिल्ली: देश में आर्थिक असमानता लगातार बढ़ती जा रही है, वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल संपत्ति का 40.1 प्रतिशत हिस्सा केवल शीर्ष 1 प्रतिशत आबादी के पास केंद्रित है, रिपोर्ट में यह आंकड़ा देश में अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई को उजागर करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी के पास देश की लगभग 65 प्रतिशत संपत्ति है, जबकि निचले 50 प्रतिशत लोगों की हिस्सेदारी बेहद सीमित बनी हुई है, विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति सामाजिक और आर्थिक संतुलन के लिए गंभीर चुनौती है।
वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आय और संपत्ति का यह असमान वितरण विकासशील देशों में तेजी से बढ़ रहा है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। रिपोर्ट में नीति-निर्माताओं को चेताया गया है कि यदि इस असमानता को कम करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इसका असर सामाजिक स्थिरता और समावेशी विकास पर पड़ सकता है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में समान अवसर उपलब्ध कराना तथा कर व्यवस्था में सुधार जैसे कदम इस बढ़ती आर्थिक खाई को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।





