
सावन का आठवां दिन – कांवड़ यात्रा में आस्था और सेवा का अनूठा संगम :
सावन मास का आठवां दिन है और आस्था की डोर थामे हजारों कांवड़िए गंगाजल लेकर शिव मंदिरों की ओर बढ़ रहे हैं, रास्ते में सेवा और समर्पण के कई प्रेरणादायक दृश्य भी सामने आ रहे हैं।
मुजफ्फरनगर :
यहाँ डिप्टी एसपी ऋषिका सिंह ने मानवता की मिसाल पेश की, उन्होंने कांवड़ यात्रियों की मरहम-पट्टी की, उनके पैरों की मालिश की और स्वयं अपने हाथों से उन्हें पानी पिलाया, यात्रियों ने उनके इस सेवाभाव को भावुक होकर सराहा।



बागपत :
यहाँ डॉक्टर बाबू खान अपनी टीम के साथ एक कांवड़ शिविर में पहुँचे और शिव भक्तों का उपचार किया, उन्होंने कहा, “भगवान के लिए तपस्या कर रहे लोगों की सेवा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, इससे आत्मिक शांति मिलती है।

नीला ड्रम लेकर निकले कांवड़ यात्री
नीला ड्रम लेकर निकले कांवड़िए :
बागपत से हरियाणा के चार कांवड़िए नीले ड्रम में गंगाजल लेकर यात्रा पर निकले हैं, उन्होंने बताया कि मेरठ के सौरभ हत्याकांड में नीले ड्रम के प्रयोग के बाद से लोगों के मन में डर बैठ गया था, इस मानसिकता को बदलने के लिए उन्होंने यह पहल की है, ताकि लोगों में विश्वास और सकारात्मकता बनी रहे।
एटा :
यहाँ से एक भावुक करने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसमें दो बेटे अपने माता-पिता को पालकी में बैठाकर खींचते हुए नजर आए, बताया गया कि वे कासगंज के सोरों से गंगाजल लेकर लौट रहे हैं।
काशी :
बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने पहुंचे अमेठी निवासी प्रज्ज्वल ने बताया कि वे विवाह की इच्छा से कांवड़ यात्रा पर निकले हैं, उन्होंने कहा, “मैंने मनोकामना के साथ कांवड़ उठाई है, ताकि भगवान शिव शीघ्र ही मेरा विवाह तय करें।”