
फतेहपुर में ‘मंदिर बनाम मकबरा’ संग्राम! भगवा फहरते ही मचा बवाल, पथराव-लाठीचार्ज; सड़कों पर उतरे हिंदू संगठन :
फतेहपुर में ईदगाह परिसर के अंदर बने एक मकबरे को लेकर सोमवार सुबह माहौल सुलग उठा। हिंदू संगठनों का दावा है कि ये कोई मकबरा नहीं, बल्कि ठाकुर जी का मंदिर है जिस पर कब्जा कर लिया गया है। सुबह-सुबह सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंच गए, मंदिर के रूप में पूजा-पाठ शुरू किया और छत पर चढ़कर भगवा झंडा फहरा दिया।
हंगामे और बवाल की कुछ तस्वीरें :

फतेहपुर में मकबरे से 400 मीटर दूर डाक बंगला चौराहे पर हंगामा कर रहे हैं हिंदू संगठन और भाजपा कार्यकर्ता

फतेहपुर के आबूनगर इलाके में इदगाह परिसर में नवाब अब्दुल समद का मकबरा है, यह 200 साल पुराना बताया जा रहा है, इसे हिंदू संगठन ठाकुरजी का मंदिर होने का दावा कर रहे हैं।

फतेहपुर में मकबरे पर हंगामे को देखते हुए भारी मात्रा में फोर्स तैनात की गई है।

डाक बंगला चौराहे पर हिंदू संगठन के लोगों ने जाम लगा दिया।
भगवा फहरते ही मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए, देखते ही देखते दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और पथराव शुरू हो गया। तनाव के बीच पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन जब भीड़ काबू में नहीं आई तो लाठी फटकार कर लोगों को खदेड़ा।
हंगामे के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ता करीब 500 मीटर दूर डाक बंगला चौराहे पर जुट गए, सड़क जाम कर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। मौके पर मठ मंदिर संघर्ष समिति के अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल समेत कई नेता मौजूद रहे।
दरअसल, चार दिन पहले ही मठ मंदिर संघर्ष समिति ने डीएम रवींद्र सिंह को ज्ञापन देकर मांग की थी कि ये जगह ठाकुर जी का मंदिर है, न कि मकबरा, और यहां से अराजकतत्वों को हटाया जाए। साथ ही 11 अगस्त को स्थल की सफाई कर जन्माष्टमी मनाने का ऐलान किया था। प्रशासन ने रविवार को ही मौके का मुआयना किया था, बावजूद इसके सोमवार को भगवा फहरते ही फतेहपुर में धार्मिक टकराव की चिंगारी भड़क उठी।