
पीएम मोदी का कुशीनगर ट्रांजिट: 20 मिनट रुककर फिर सिवान रवाना, सभा के बाद लौटे दिल्ली :
एयरपोर्ट से लेकर गांवों तक दिखी अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था :-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार के सिवान जिले में जनसभा को संबोधित करने के लिए कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे, उनका विशेष विमान भारतीय वायुसेना का ‘इंडिया वन’ सुबह 11:15 बजे कुशीनगर एयरपोर्ट पर उतरा, यहां से वे वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टरों के माध्यम से सिवान के लिए रवाना हुए।
20 मिनट के ट्रांजिट में हुआ जोरदार स्वागत :
पीएम मोदी एयरपोर्ट पर करीब 20 मिनट रुके, इस दौरान जिले के सभी सात विधायक, प्रभारी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, सांसद विजय कुमार दुबे और राज्यसभा सांसद आरपीएन सिंह सहित कुल 24 जनप्रतिनिधियों ने उनको बुके देकर स्वागत किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और अन्य नेताओं ने भी प्रधानमंत्री का अभिवादन किया।
लौटते समय भी रुके 18 मिनट :
सिवान में जनसभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे वापस कुशीनगर एयरपोर्ट पहुंचे, यहां लगभग 18 मिनट के ट्रांजिट के बाद वे भारतीय वायुसेना के विमान से दिल्ली लौट गए।
पांच लेयर की सुरक्षा व्यवस्था :
पीएम के ट्रांजिट कार्यक्रम को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा, एयरपोर्ट परिसर में तीन और बाहर दो लेयर की सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई थी, एसपीजी, जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा की कमान संभाली, एडीजी डॉ. केएस प्रताप कुमार, कमिश्नर अनिल ढींगरा, डीएम महेंद्र प्रताप तंवर और एसपी संतोष कुमार मिश्रा खुद मौके पर मौजूद रहे।
एयरपोर्ट के आसपास कड़ी निगरानी :
एयरपोर्ट के 14 किलोमीटर के दायरे में विशेष निगरानी रखी गई, एयरपोर्ट से सटे गांवों – शाहपुर कुरमौटा, नरकटिया, मिश्रौली, परासखाड़, नीमीडीह, पतया, बेलवा रामजस और भलूही मदारी पट्टी – में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। बाउंड्री वॉल से सटे घरों की छतों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती रही।
आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध :
कसाडा चौक के बैरिया चौराहे से एयरपोर्ट की ओर जाने वाले मार्गों पर आम नागरिकों की आवाजाही पूरी तरह बंद रही, जेटी तिराहा और अन्य प्रमुख चौराहों पर पुलिस बल तैनात था, दो दिन पहले से ही 15 किलोमीटर की परिधि को नो-ड्रोन जोन घोषित कर दिया गया था।
सभा के बाद सामान्य हुई गतिविधियाँ :
पीएम के वापस लौटने के बाद प्रशासन और सुरक्षाबलों ने राहत की सांस ली, ट्रांजिट समाप्त होते ही आसपास के गांवों में सामान्य जनजीवन बहाल हुआ और अन्य जनपदों से बुलाए गए अतिरिक्त पुलिसकर्मी अपने स्थानों को लौट गए।
