
छात्रों का फूटा गुस्सा: प्रिय शिक्षक को हटाया, स्कूल बना प्रदर्शन का मैदान :
स्थान : चोखराज तुलस्यान सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, सिसवा, महराजगंज
तारीख : 31 जुलाई 2025
घटना का समय : सुबह से दोपहर तक
क्या हुआ?
विद्यालय में फिजिक्स शिक्षक ‘श्री नंदन सिंह’ को हटाए जाने के बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा।
भीड़ इकट्ठा हुई, नारे लगे और देखते ही देखते माहौल हिंसक हो गया।
छात्रों का उग्र प्रदर्शन :
- स्कूल बस के शीशे तोड़े गए
- प्रिंसिपल कार्यालय में कुर्सी-मेज़ पलटी गई
- प्रिंसिपल की कार पर पथराव
- “तानाशाही नहीं चलेगी” और “प्रिंसिपल मुर्दाबाद” के नारों से गूंजा परिसर

छात्रो का प्रदर्शन

प्रिंसिपल की कार को तोड़ दिया

स्कूल बस तोड़ दिया

प्रिंसिपल कार्यालय भी तोड़ दिया
क्यों भड़के छात्र?
“नंदन सर जैसे अनुभवी शिक्षक को हटाना हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”
राजीव, कक्षा 12 के छात्र
छात्रों का आरोप है कि यह निर्णय शिक्षा नहीं, बल्कि आंतरिक राजनीति से प्रेरित था।
वे मांग कर रहे हैं कि शिक्षक की बहाली हो।
पुलिस पहुंची मौके पर :
- कोठीभार थाने के एसओ धर्मेंद्र सिंह
- सिसवा चौकी प्रभारी उमाकांत सरोज
पुलिस ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन गुस्सा थमता नहीं दिखा।
घंटों तक शांति बहाली की कोशिशें चलीं।
प्राचार्य की सफाई :
“यह निर्णय अकेले का नहीं था, विद्यालय प्रबंधन समिति का सामूहिक निर्णय है।”
— प्रिंसिपल शिवाजी सिंह
वहीं दूसरी ओर प्रबंधन और शिक्षक के बीच बातचीत जारी है।
अब क्या आगे?
- स्कूल प्रशासन विवाद सुलझाने में जुटा
- प्रबंधन समिति और छात्रों के बीच बातचीत की संभावना
- कुछ छात्र शांत हुए, पर माहौल अब भी तनावपूर्ण
संवाद की कमी, बना संकट का कारण :
इस घटना ने साबित किया है कि शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता और संवाद कितना ज़रूरी है।
बिना छात्रों की भागीदारी के लिए गए फैसले, सिर्फ असंतोष ही नहीं, संस्थान की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
यह सिर्फ गुस्सा नहीं था, यह एक संकेत था—”हमारी आवाज़ भी सुनी जाए।”