
देश में 4866 एक्टिव केस, 51 मौतें
देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, बुधवार को 15 राज्यों में 564 मरीज मिले, इनमें से 437 मामले सिर्फ 4 राज्यों से हैं, केरल में सबसे ज्यादा 114, कर्नाटक में 112, पश्चिम बंगाल में 106 और दिल्ली में 105 केस सामने आए, इस तरह देश में एक्टिव केसेज की संख्या 4866 हो गई है।
इसके अलावा, बुधवार को कोरोना से 7 और लोगों की जान चली गई, महाराष्ट्र में तीन और दिल्ली-कर्नाटक में दो-दो मौतें हुई, इसके साथ देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 51 पहुंच गया है।
इस बीच, केंद्र सरकार गुरुवार को देश भर के राज्यों के चुनिंदा अस्पतालों में मॉक ड्रिल करेगी, इस दौरान इन अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई, जरूरी दवाओं की स्थिति और वेंटिलेटर की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा, इससे बनी रिपोर्ट में कोरोना की चौथी लहर आने की स्थिति में अस्पतालों की तैयारियों पर रेटिंग दी जाएगी।
इससे पहले 2 जून को एक शुरुआती मॉक ड्रिल हुई थी, इसमें हेल्थ सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता के लिए अस्पतालों की रेटिंग दी गई थी, इसमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक, प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन प्लांट और मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम पर फोकस किया गया था।
केरल में जुकाम-बुखार होने पर कोविड टेस्ट जरूरी :-
देश में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस केरल राज्य में हैं, इसको देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को हॉस्पिटल और हेल्थ वर्कर्स के लिए गाइडलाइंस जारी की थी, साथ ही राज्य के सभी हॉस्पिटल्स में मॉक ड्रिल के निर्देश दिए थे, इसके अलावा साथ ही सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है, हॉस्पिटल में मास्क लगाने के बाद ही एंट्री मिलेगी।
भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट :-
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं, ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके, मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है, हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है, चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।
NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T4781 जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं, इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है, टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है, इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।