
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, मथुरा-वृंदावन में भक्तों का सैलाब, बांके बिहारी मंदिर पर लंबी लाइनें :
मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की भव्यता देखने लायक है। करीब 10 लाख श्रद्धालु वृंदावन में उमड़े हैं, बांके बिहारी मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं, हर तरफ कान्हा की जयकार गूँज रही है। कहीं लोग सिर पर सूप में कान्हा को लेकर जाते दिख रहे हैं, तो कहीं ढोल-मंजीरे की थाप पर नाचते-गाते।
मथुरा में शोभा यात्रा निकाली गई, जो करीब 3 किलोमीटर लंबी है। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से मथुरा में श्रीकृष्ण ‘ठाकुरजी’ के लिए गिफ्ट भेजे गए हैं, जिनमें टॉफी, चॉकलेट और लड्डू शामिल हैं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को इस बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर सजाया गया है, फूल बंगला, जिसमें ठाकुरजी विराजेंगे, को सिंदूरी रंग के फूलों से सजाया गया है, ये फूल कोलकाता और बेंगलुरु से लाए गए हैं, जन्मभूमि पर शनिवार सुबह 11:25 बजे CM योगी आदित्यनाथ पहुंचेंगे और 2.30 घंटे तक जन्मोत्सव में शामिल होंगे।

मथुरा में शोभा यात्रा निकाली जा रही है, इसमें कलाकारों का एक ग्रुप डमरू वादन कर रहा है

लोक कलाकार टूरिस्ट के सामने लोक नृत्य कर रहे
जन्मभूमि पर पूजन और कार्यक्रम का शेड्यूल :
15 अगस्त, सुबह 5.30 बजे: शोभायात्रा और मंगला आरती।
भक्त मेघ धनु पोशाक में ठाकुरजी को अर्पित करेंगे, इस पोशाक को मथुरा के कारीगरों ने 6 महीने की मेहनत से तैयार किया है।
16 अगस्त, सुबह 5.30 बजे: शहनाई और नगाड़ों की ध्वनि के बीच मंगला आरती –
सुबह 8 बजे: कान्हा का पंचामृत से अभिषेक।
सुबह 9 बजे: भागवत भवन में पुष्पांजलि कार्यक्रम, भक्त गोविंद द्वार (गेट-3) से प्रवेश कर सकते हैं, दर्शन के बाद मुख्य द्वार (गेट-1) से बाहर निकला जा सकेगा।
बांके बिहारी मंदिर में उत्सव :
15-16 अगस्त की रात, 12 बजे: ठाकुरजी का अभिषेक, जिसमें दूध, दही, घी, शहद, इत्र और यमुना का जल शामिल होगा, यह प्रक्रिया गर्भगृह में पर्दे की ओट में होगी।
- ठाकुरजी को पीतांबर वस्त्र और आभूषण पहनाए जाएंगे।
- रात 1.30 से 2 बजे: जगमोहन दर्शन।
- 16 अगस्त: पूरी रात दर्शन जारी रहेंगे।
केवल 500 श्रद्धालु मंदिर परिसर में रह सकेंगे, अन्य श्रद्धालु कुंज गलियों में मौजूद रहेंगे, प्रशासन ने सुरक्षा के लिए रूट डायवर्जन लागू किया है।
मथुरा-वृंदावन में इस बार जन्माष्टमी की भव्यता और श्रद्धा ने इसे यादगार बना दिया है।