महराजगंज/बृजमनगंज।
बृजमनगंज थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों कलवारगढ़, महुलानी, घोड़नामपुर, मिश्रौलिया व अन्य गांवों में पराली जलाने की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिलाधिकारी द्वारा पहले ही सख्त निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। क्षेत्र में उठता धुआँ प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई स्थानों पर शाम और रात के समय पराली जलाने की तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पराली जलाने से खेतों की उर्वरता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
आग की तेज़ गर्मी से मिट्टी के अंदर मौजूद नाइट्रोजन, सल्फर, पोटाश और फॉस्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। साथ ही मिट्टी में रहने वाले लाभकारी जीव समाप्त हो जाते हैं, जिससे फसलों की उत्पादन क्षमता कम होती जाती है।
प्रशासन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पराली जलाने पर रोक है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित गांवों में निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी व्यक्ति द्वारा पराली जलाने की गतिविधि तुरंत चिन्हित की जा सके।
अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे पराली को न जलाएँ और इसके निपटान के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों तथा वैकल्पिक तरीकों का उपयोग करें। प्रशासन का कहना है कि यदि यही स्थिति बनी रही तो कठोर दंडात्मक कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।
बृजमनगंज क्षेत्र में पराली जलाने की बढ़ती घटनाएँ न सिर्फ प्रशासनिक चिंता बढ़ा रही हैं, बल्कि पर्यावरण और कृषि दोनों के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही हैं।





