भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी ने संविधान में निहित उद्देश्यों को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए आर्थिक समानता और सभी राज्यों के संतुलित विकास की आवश्यकता पर बल दिया है, उन्होंने स्पष्ट कहा कि सिर्फ चुनावों के दौरान ‘पैसे बांटने’ जैसी प्रथाओं से वास्तविक कल्याण संभव नहीं है।
जोशी ने कहा,
राजनीतिक अधिकार के लिए आपको वोट देने का अधिकार दिया गया है, लेकिन यह मतदान का अधिकार मैं तब तक इस्तेमाल नहीं कर सकता, जब तक मुझे आर्थिक न्याय न मिले, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आर्थिक न्याय और अधिकारों के समान वितरण पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने भी व्यापक रूप से चर्चा की थी।
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि देश को ऐसी व्यवस्था विकसित करने की आवश्यकता है, जिसमें राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों का समान वितरण सुनिश्चित हो। साथ ही, उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि विकास की प्रक्रिया में सभी राज्यों को बराबर अवसर और संसाधन मिलने चाहिए, ताकि हर क्षेत्र एक समान गति से आगे बढ़ सके।
जोशी के अनुसार, केवल चुनावी लाभ के लिए दी जाने वाली योजनाएँ या आर्थिक प्रलोभन किसी भी लोकतंत्र को मजबूत नहीं कर सकते। इसके बजाय, जनता को ऐसे अधिकार और अवसर मिलने चाहिए जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं और उनकी वास्तविक प्रगति सुनिश्चित करें।
उन्होंने दोहराया कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत बनाने के लिए आर्थिक न्याय, समान विकास और संसाधनों के संतुलित वितरण को केंद्र में रखना होगा। यही वह दिशा है, जो संविधान की मूल भावना को आगे बढ़ाती है और राष्ट्र को एक समृद्ध भविष्य की ओर ले जाती है।





