
12 घंटे का खौफनाक सफर!
घर से महज 2 KM दूर हुआ किडनैप, मांगी गई 5 करोड़ की फिरौती –
गोरखपुर के रिटायर्ड एयरफोर्सकर्मी ने सुनाई दिल दहला देने वाली आपबीती :
🕔समय: सुबह 5:30 बजे
📍जगह: कौवाबाग अंडरपास, गोरखपुर
25 जुलाई की सुबह, रिटायर्ड एयरफोर्सकर्मी अशोक जायसवाल रोज की तरह साइकिल से रेलवे स्टेडियम की ओर निकले, लेकिन उन्हें क्या पता था, ये सुबह उनकी ज़िंदगी की सबसे डरावनी सुबह बन जाएगी।
जैसे ही वे कौवाबाग अंडरपास के नीचे पहुंचे, एक कार के पास खड़े 3-4 लोगों ने उन्हें घेर लिया और जबरदस्ती कार में खींच लिया।

यही वह अंडरपास है, जहां डाक्टर के पति को अपहरण किया गया था
“मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था”
अशोक जायसवाल बताते हैं:
“सुबह शरीर भारी लग रहा था, सोचा था आज साइकिलिंग न करूं, पर आदत के चलते निकल पड़ा, जैसे ही अंडरपास के नीचे पहुंचा, चारों ओर अंधेरा-सा छा गया… मुझे कार में घसीटा गया, आंखों पर पट्टी बांधी गई, किसी ने गर्दन पर पिस्टल जैसी चीज चुभा दी।”
“वो बार-बार कह रहे थे – चिल्लाया तो गोली मार देंगे, मैं पूरी तरह बेबस था… बस खुदा को याद कर रहा था।”
- 12 घंटे तक कार में दौड़ाते रहे, कुछ खाने को भी नहीं दिया।
- बदमाश लगातार कार चलाते रहे, गाड़ी कहीं नहीं रोकी।
- घंटों बाद एक पेट्रोल पंप पर रुके, फिर दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया।
- आवाजों से समझ आया कि कुल दो गाड़ियां थीं और कई लोग शामिल थे।
- ना पानी दिया, ना खाना… बस डर और धमकी मिलती रही।
- पत्नी को 26 कॉल, फिरौती की मांग 5 करोड़ से घटाकर 1 करोड़।
- अपहरणकर्ताओं ने घरवालों को लगातार कॉल किया
- कुल 26 बार अशोक की पत्नी को फोन किया
- आखिरी बार शाम को बातचीत हुई, नौसड़ के पास एकला बंधे पर पैसा पहुंचाने को कहा।

परिवार से मिलने के बाद डाक्टर के पति फूट-फूट कर रोए
12 घंटे में डर, बेबसी और मौत का एहसास हुआ :
मैंने पूरी जिंदगी शांति से जी, कभी किसी से झगड़ा नहीं किया, लेकिन इन 12 घंटों ने मेरी आत्मा तक झकझोर दी।
मुझे नहीं याद मैं कब इतना रोया था, कब इतनी असहायता महसूस की थी।
पुलिस ने किया कमाल, आरोपी गिरफ्तार :
- पुलिस ने ट्रेसिंग टेक्नोलॉजी और नेटवर्किंग के जरिये बदमाशों की लोकेशन पकड़ी
- मौके पर पहुंचकर अशोक को सुरक्षित छुड़ाया
- एक आरोपी मौके पर पकड़ा गया, बाकी की तलाश जारी है

पकड़ा गया एक किडनैपर
पुलिस की वजह से ही आज जिंदा हूं :
अशोक कहते हैं:
“मेरे लिए ये नया जन्म है, पुलिस नहीं आती तो आज मैं ज़िंदा न होता, मैं उनका हमेशा आभारी रहूंगा।”
अब क्या?
पुलिस इस मामले को संगठित गैंग का हिस्सा मान रही है, जल्द ही पूरे गिरोह के पर्दाफाश की उम्मीद है।
इस घटना से क्या सीख मिलती है :
- सुबह या शाम के समय अकेले न निकलें।
- परिवार को हर वक्त अपनी मूवमेंट की जानकारी दें।
- अजनबी इलाकों में सतर्कता रखें।
- किसी भी आपात स्थिति में तुरंत 112 पर कॉल करें।