नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर दिए गए बयान पर तीखा पलटवार किया है, शाह ने स्पष्ट कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों ही संघ की विचारधारा वाले हैं और यह पद उन्हें जनता के जनादेश से मिले हैं, किसी की कृपा से नहीं।
अमित शाह ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए सवाल किया कि क्या ऐसा कोई कानून है जो संघ की विचारधारा वाले व्यक्ति को किसी constitutional पद पर बैठने से रोके? उन्होंने कहा कि विचारधारा के आधार पर किसी को पद से वंचित करने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि भारत का लोकतंत्र जनता की इच्छा पर चलता है।
इससे पहले राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि सरकार की नीतियों और संस्थानों पर RSS की विचारधारा का प्रभाव बढ़ रहा है, इसी बयान पर अमित शाह ने यह जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का संघ से जुड़ा होना किसी भी तरह से अवैध या असंवैधानिक नहीं है, और जनता ने इसे स्वीकार करते हुए दोबारा भारी बहुमत दिया है।
संसद में इस मुद्दे को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली, अमित शाह ने कहा कि विपक्ष बार-बार विचारधारा को विवाद का मुद्दा बनाकर बेवजह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।





