
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक अहम निर्णय में स्पष्ट किया है कि किसी अन्य देश की प्रशंसा करना, जब तक उसमें भारत की निंदा शामिल न हो, राजद्रोह की श्रेणी में नहीं आता।
19 अगस्त 2025 को न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की पीठ ने पांवटा साहिब निवासी सुलेमान को जमानत दी, अदालत ने कहा कि केवल ‘Pakistan Zindabad’ लिखने से यह राजद्रोह सिद्ध नहीं होता, क्योंकि इसमें न तो मातृभूमि की निंदा है और न ही यह सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों या अलगाववादी भावनाओं को उकसाता है।
मामला तब दर्ज हुआ था जब आरोपी सुलेमान ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक AI-जनरेटेड तस्वीर के साथ ‘Pakistan Zindabad’ पोस्ट साझा किया था, इसके बाद पांवटा साहिब पुलिस ने उस पर Section 152 (BNS) के तहत केस दर्ज किया था, पर अब कोर्ट ने उसे जमानत दे दिया है।