
9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल — बैंकिंग, बीमा और परिवहन सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित, 25 करोड़ कर्मचारी होंगे शामिल:
बुधवार, 9 जुलाई को देशभर में प्रस्तावित हड़ताल के चलते बैंकिंग, बीमा, डाक, परिवहन और कोयला खनन जैसी कई अहम सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, इस राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान देश की 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगी संगठनों ने किया है, जिसमें करीब 25 करोड़ कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है, हड़ताल को कई किसान और ग्रामीण श्रमिक संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है।
हड़ताल का उद्देश्य :
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियां श्रमिक और किसान विरोधी हैं, उनका आरोप है कि सरकार कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण कर रही है, जिससे मजदूरों की नौकरियां और अधिकार खतरे में हैं।
किन सेवाओं पर पड़ेगा असर :
इस हड़ताल का सबसे अधिक प्रभाव निम्नलिखित क्षेत्रों पर पड़ सकता है:
बैंकिंग सेवाएं :- खासकर सरकारी और सहकारी बैंकों में कामकाज ठप या सीमित रह सकता है।
बीमा और डाक सेवाएं :- क्लेम प्रोसेसिंग, पार्सल और अन्य डिलीवरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
परिवहन :- सरकारी बस सेवाएं और राज्य परिवहन व्यवस्था बाधित हो सकती हैं।
कोयला खनन और निर्माण :- इन क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।
स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों का क्या होगा :
फिलहाल किसी भी राज्य सरकार ने स्कूल या कॉलेज बंद करने को लेकर कोई आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किया है, हालांकि, परिवहन सेवाओं में संभावित बाधा के कारण छात्रों और कर्मचारियों को आवाजाही में परेशानी हो सकती है।
रेलवे और आवश्यक सेवाएं :
रेलवे और टूरिज्म जैसे आवश्यक क्षेत्रों को हड़ताल से बाहर रखा गया है, फिर भी, पूर्व के अनुभवों के आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि कुछ स्थानों पर ट्रेनें रोकने की कोशिश की जा सकती है।