
यूपी में 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों का विलय: 27,764 विद्यालयों के मर्जर का विरोध, “अपनी जनता पार्टी” ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन :
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विलय के फैसले का विरोध तेज हो गया है, महराजगंज ज़िले में अपनी जनता पार्टी के ज़िला अध्यक्ष मनोज कुमार कन्नौजिया ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन ज़िलाधिकारी को सौंपते हुए इस निर्णय को शिक्षा और संविधान विरोधी बताया।
शासनादेश संख्या 68-5099/328/2025 के तहत प्रदेश के 27,764 विद्यालयों का विलय प्रस्तावित है, पार्टी का कहना है कि इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, मजदूर, किसान और दलित वर्ग के बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।
ड्रॉपआउट दर बढ़ने की आशंका :
पार्टी ने तर्क दिया कि विलय के बाद छात्रों को नए स्कूल तक 3 से 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे बालिकाओं की शिक्षा पर सबसे अधिक असर पड़ेगा और ड्रॉपआउट दर में वृद्धि होगी।
इसके साथ ही पार्टी ने प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी की ओर ध्यान दिलाया, सरकार को जहाँ 9 लाख शिक्षकों की आवश्यकता है, वहाँ केवल 4.5 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, ऐसे में स्कूलों के विलय से शिक्षकों पर काम का बोझ और बढ़ेगा।
पांच प्रमुख मांगे :
अपनी जनता पार्टी ने सरकार के समक्ष पांच प्रमुख मांगे रखी हैं:
- विद्यालय विलय की नीति को तत्काल प्रभाव से रोका जाए
- कक्षा के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए
- शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए
- RTE (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के अनुसार हर बस्ती में विद्यालय सुनिश्चित किया जाए
- सरकारी स्कूलों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए
राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग :
मनोज कुमार कन्नौजिया ने राज्यपाल से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि यह निर्णय प्रदेश के भविष्य को संकट में डाल सकता है, उन्होंने आशा जताई कि सरकार गरीब और वंचित तबके के हित में इस आदेश को वापस लेगी।