
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वीरता की मिसाल बना 10 साल का श्रवण सिंह :
ऑपरेशन सिंदूर के समय देश ने कई वीरता की मिसालें देखीं, लेकिन उनमें एक नाम ऐसा भी था जिसने सभी का दिल जीत लिया—10 साल का श्रवण सिंह, उसने यह साबित कर दिया कि देशभक्ति के लिए उम्र नहीं, जज्बा मायने रखता है।
इस मासूम ने न सिर्फ जंग जैसे हालात को समझा, बल्कि अपने साहस और सेवा भाव से सैनिकों का हौसला भी बढ़ाया, न वर्दी थी, न हथियार—फिर भी श्रवण सिंह देश का सबसे छोटा योद्धा बन गया।
भारत-पाक सीमा पर जब तनाव चरम पर था और तपती गर्मी में सैनिक दुश्मन की गोलियों का मुकाबला कर रहे थे, तब श्रवण रोजाना उनके लिए पानी, दूध, लस्सी और बर्फ लेकर पहुंचता रहा, उसकी यह निस्वार्थ सेवा जवानों के लिए संजीवनी बन गई।
वो छोटा सा बच्चा अपनी नन्ही हथेलियों में सिर्फ सामान नहीं, बल्कि उम्मीद, साहस और देशप्रेम का संदेश लेकर पहुंचता था, श्रवण सिंह की यह भूमिका ऑपरेशन सिंदूर की सबसे प्रेरणादायक तस्वीरों में से एक बन गई।