
अयोध्या राम जन्मभूमि में दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो
चुका है, यह ऐतिहासिक कार्यक्रम 3 जून से 5 जून 2025 तक चलने वाला है इस मुद्दे पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा तो हो चुकी है, अब क्या…? इसका मतलब है कि पहली प्रतिष्ठा गलत थी, अब शिखर बनने के बाद प्रतिष्ठा हो रही है, आपने जो कुछ भी किया वो गलत था, फिर से वहां जो शिखर प्रतिष्ठा आदि कार्यक्रम होंगे वो इस बात को प्रमाणित करेंगे कि पहले जो प्रतिष्ठा हुई वो धर्म शास्त्र के विरुद्ध थी, हिंदू धर्म के विरुद्ध थी ।