
प्रयागराज में बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता हेतु प्रशासन ने आपदा राहत (Emergency) हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि संकट की घड़ी में फंसे नागरिकों तक त्वरित सहायता पहुँचाई जा सके।

आपदा सहायता नम्बर (DM Prayagraj) द्वारा जारी
भारी बारिश और नदियों के उफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त :
लगातार हो रही मूसलधार बारिश और गंगा-यमुना नदियों के उफान ने प्रयागराज में जीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है।
दोनों नदियाँ सतर्कता संकेत (Danger Mark) तक पहुँच चुकी हैं, जिससे कई इलाकों में पलायन की स्थिति और आपातकालीन हालात बन गए हैं।
61 वार्ड जलमग्न — हजारों लोग प्रभावित :
प्रयागराज नगर निगम के कम से कम 61 वार्ड बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
सदर, दारागंज, राजापुर, सलोरी जैसे निचले इलाके सर्वाधिक प्रभावित हैं।
प्रशासन ने 14 राहत शिविरों में अब तक लगभग 3,955 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
प्रयागराज बाढ़ की कुछ तस्वीरें :





98 से अधिक फ्लड आउटपॉस्ट्स सक्रिय — युद्धस्तर पर बचाव अभियान :
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने 98+ फ्लड आउटपॉस्ट्स को एक्टिव कर दिया है।
फूड पैकेट्स का वितरण, मेडिकल सहायता, और नावों के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन निरंतर जारी हैं, ताकि बाढ़ में फंसे प्रत्येक व्यक्ति तक राहत पहुँच सके।
मुख्यमंत्री की विशेष टीम-11 — जिलेवार निगरानी :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राहत कार्यों की गति और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए Team-11 का गठन किया गया है।
प्रत्येक मंत्री को अलग-अलग जिले की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रयागराज का प्रभार नंद गोपाल गुप्ता को दिया गया है, जो राहत कार्यों पर नजर बनाए हुए हैं।
राहत कार्य: भोजन, चिकित्सा, पशु आश्रय, दवा — सबकुछ त्वरित मोड पर :
प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण के तहत राहत शिविर, भोजन वितरण, पशु आश्रय, सर्पदंश रोधी दवाएँ (Anti-Snake Venom), और मेडिकल सपोर्ट की विशेष व्यवस्था की है।
ड्रेनेज सिस्टम और पंपिंग स्टेशनों को आपातकालीन मोड पर संचालित किया जा रहा है ताकि जल निकासी कार्यों में कोई बाधा न आए।
अग्रिम चेतावनी — निचले इलाकों को खाली करने के निर्देश :
गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में रह रहे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की सलाह दी जा रही है।
अधिकारियों द्वारा जलस्तर पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है।