
महराजगंज जिला मुख्यालय के दो नामी निजी अस्पताल—गोल्ड हॉस्पिटल और जनता हॉस्पिटल—एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इन पर आरोप है कि जिला संयुक्त चिकित्सालय और एमसीएच विंग में आने वाले मरीजों को बहला-फुसलाकर और प्रलोभन देकर अपने अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।
इस गंभीर प्रकरण पर जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने जांच की जिम्मेदारी डिप्टी सीएमओ और झोलाछापों पर नोडल अधिकारी डॉ. राजेश द्विवेदी को सौंपी है।
सीएमओ कार्यालय से जारी पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि दोनों अस्पतालों के दलाल सरकारी अस्पतालों में सक्रिय हैं और वहां आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर कराने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। आरोप है कि भर्ती के बाद मरीजों से मनमानी फीस वसूली जाती है, जिससे गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है।
अस्पतालों का औचक निरीक्षण और दलाल नेटवर्क की जांच के निर्देश :
जांच अधिकारियों को दोनों अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने, मरीजों से सीधे संवाद स्थापित कर इलाज, फीस और दस्तावेजों की गहन जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि अस्पतालों में कोई अवैध रेफरल सिस्टम या दलालों का संगठित नेटवर्क तो नहीं सक्रिय है।
सीएमओ डॉ. शुक्ला ने कहा है कि यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें अस्पतालों का पंजीकरण रद्द करना, भारी आर्थिक दंड लगाना और दलालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई शामिल है।