
अखिलेश यादव ने कथावाचकों को लेकर बयान देते हुए कहा कि धीरेंद्र शास्त्री टेबल के नीचे मोटी फीस लेते हैं और हर किसी की हैसियत उन्हें बुलाने की नहीं होती, इस पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि जिन्होंने अपने शासन में मौलवियों और मुल्लाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए, वे अब धार्मिक आयोजनों में दिए जाने वाले चंदे पर सवाल उठा रहे हैं।