महराजगंज। नौतनवां तहसील क्षेत्र के परसा सोमाली गांव स्थित एक निजी अस्पताल में रविवार रात हुए पथराव और उपद्रव के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है, सोमवार को जांच में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर अस्पताल को अस्थायी रूप से सील कर दिया गया।
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) को तत्काल जांच के आदेश दिए थे, निर्देश मिलते ही स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष जांच टीम गठित की, जिसने सोमवार दोपहर मौके पर पहुंचकर अस्पताल का गहन निरीक्षण किया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत शुक्ला के निर्देश पर गठित टीम में एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र कुमार आर्या, डिप्टी सीएमओ डॉ. के.पी. सिंह (निजी अस्पतालों के नोडल अधिकारी) और डॉ. नीरज कुमार कन्नौजिया शामिल थे, टीम लगभग दोपहर 1:15 बजे अस्पताल पहुंची, जहां मुख्य द्वार पर ताला लगा मिला। पुलिस की मौजूदगी में ताला खुलवाकर टीम ने जांच शुरू की।
निरीक्षण के दौरान टीम ने अस्पताल के सभी कक्षों और अभिलेखों की जांच की। अस्पताल प्रबंधन केवल एक मरीज की बेड हेड टिकट (BHT) ही प्रस्तुत कर सका, जबकि बाकी आवश्यक रिकॉर्ड और पंजीकरण दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। टीम ने इसे गंभीर लापरवाही माना।
गंभीर खामियां मिलने के बाद जांच टीम ने मौके पर ही अस्पताल को सील करने का निर्णय लिया, डिप्टी सीएमओ डॉ. के.पी. सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में अस्पताल संचालन से जुड़ी कई अनियमितताएं सामने आई हैं, उन्होंने कहा कि “अस्पताल भले ही पंजीकृत है, लेकिन दस्तावेजों की अनुपलब्धता और नियमों के उल्लंघन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।”
जांच रिपोर्ट तैयार कर सीएमओ के माध्यम से जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने कहा —
> “जिले के सभी निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित मानकों का पालन अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारा लक्ष्य जनता को सुरक्षित और पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।”





