
बड़हलगंज में नियमों की अनदेखी: संविदा इंजीनियर ने निजी व्यक्ति को सौंपा सरकारी कार्य :
बड़हलगंज विकास खंड में सरकारी नियमों की खुली अनदेखी सामने आई है, संविदा पर नियुक्त कंसल्टिंग इंजीनियर अमित चौरसिया द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन एक निजी व्यक्ति ‘सूर्या’ के माध्यम से कराया जा रहा है, ग्राम प्रधानों के अनुसार, चौरसिया ब्लॉक में शायद ही कभी दिखाई देते हैं और निर्माण कार्यों की माप-जोख, स्टीमेट तथा मूल्यांकन (एमवी) का जिम्मा सूर्या नामक तीसरे पक्ष के हवाले कर रखा है।

राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में स्वच्छता और निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए कंसल्टिंग इंजीनियरों की नियुक्ति की गई है, इनका कार्य पंद्रहवें वित्त आयोग, राज्य वित्त और एसएलडब्ल्यूएम योजनाओं के तहत निर्माण कार्यों—जैसे सोक पिट, कंपोस्ट पिट और आरआरसी सेंटर—का स्टीमेट और एमवी बनाना है, इसके बदले उन्हें मानदेय के अतिरिक्त दो प्रतिशत का कमीशन भी दिया जाता है।
हालांकि बड़हलगंज में यह व्यवस्था ही सवालों के घेरे में है, संबंधित इंजीनियर की गैरमौजूदगी और कार्य में एक बाहरी व्यक्ति की संलिप्तता से पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं, स्टीमेट और एमवी पर दस्तखत कौन करता है, यह न तो ग्राम प्रधान और न ही पंचायत सचिव स्पष्ट कर पा रहे हैं।
शासन की मंशा थी कि तकनीकी कामों के लिए पंचायती राज विभाग को अन्य विभागों पर निर्भर न रहना पड़े, लेकिन बड़हलगंज में यह व्यवस्था अब भ्रष्टाचार और शिथिलता का माध्यम बनती दिख रही है।