
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी व्यक्ति द्वारा “I Love You” कहना केवल उसकी भावनाओं की अभिव्यक्ति है, जिसे यौन इरादे या आपराधिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जा सकता, अदालत ने यह टिप्पणी एक 10 साल पुराने छेड़छाड़ के मामले में सुनवाई के दौरान की, जिसमें आरोपी व्यक्ति पर एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ का आरोप था।
अदालत ने पाया कि आरोपी ने केवल “I Love You” कहा था, और उसके व्यवहार में किसी प्रकार की जबरदस्ती, अनुचित स्पर्श या यौन दुर्व्यवहार का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं था, इस आधार पर अदालत ने माना कि केवल भावनात्मक शब्दों का उपयोग करना, जब तक वह धमकी, दबाव या अनुचित व्यवहार से जुड़ा न हो, उसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।
न्यायालय ने यह भी कहा कि कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, और हर मामले की जांच उसके तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए, इस फैसले के तहत आरोपी को बरी कर दिया गया।
यह निर्णय न केवल इस विशेष मामले में अहम रहा, बल्कि यह आने वाले समय में भावनात्मक और यौन अपराधों की कानूनी व्याख्या को लेकर एक नई दिशा भी प्रदान कर सकता है।
इस फैसले पर आपकी क्या राय है…!