
उत्तर प्रदेश के गोंडा में रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। तेज रफ्तार बोलेरो बेकाबू होकर सरयू नहर में जा गिरी, जिसमें 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। बोलेरो में कुल 15 लोग सवार थे, जिनमें से 4 लोगों को ग्रामीणों ने शीशा तोड़कर बाहर निकाला, लेकिन बाकी जिंदगी और मौत की जंग हार गए। सभी लोग पृथ्वीनाथ मंदिर पर जल चढ़ाने के लिए जा रहे थे।
हादसा इतना भयानक था कि बोलेरो का कोई भी सवार खुद से बाहर नहीं निकल सका। बारिश के कारण नहर पानी से लबालब थी। जैसे ही गाड़ी नहर में गिरी, दरवाजे लॉक हो गए और पलों में गाड़ी पानी से भर गई। अंदर फंसे लोग छटपटाते रहे, मदद के लिए हाथ-पैर मारते रहे, लेकिन किसी की एक न चली। तड़प-तड़पकर उनकी जान चली गई।

हादसे के बाद बोलेरो का गेट नहीं खुलने पर, ग्रामीणों ने कांच तोड़कर लोगो को बाहर निकाला
हादसे की कुछ तस्वीरें देखे :




नहर में गिरी बोलेरो
जिस जगह हादसा हुआ, वहीं आसपास के ग्रामीण मौजूद थे। जैसे ही बोलेरो को नहर में गिरते देखा, कई लोग बचाने के लिए पानी में कूद पड़े। परंतु, बोलेरो के दरवाजे खोलना नामुमकिन था। बड़ी मशक्कत के बाद खिड़कियों के शीशे तोड़े गए और 4 लोगों को किसी तरह बाहर निकाला जा सका।
यह हादसा गोंडा के मोतीगंज थाना क्षेत्र में सुबह करीब 10 बजे हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस 10 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बोलेरो को नहर से निकालने की कोशिशें अभी भी जारी हैं। कार के आगे के शीशे तोड़कर एक-एक शव को बाहर लाया गया। सड़क पर बिछे शवों का दृश्य बेहद हृदय विदारक था। लोग अपने बच्चों और परिजनों को सीपीआर देकर वापस लाने की कोशिश कर रहे थे, पर नियति को कुछ और ही मंजूर था।
पुलिस के मुताबिक, बोलेरो की स्पीड हादसे के वक्त 60 किमी प्रति घंटे थी। मृतकों में 6 महिलाएं, 2 पुरुष और 3 मासूम बच्चे शामिल हैं। मृतकों की पहचान बीना (35), काजल (22), महक (12), दुर्गेश, नंदिनी, अंकित, शुभ, संजू वर्मा, अंजू, अनसुइया और सौमिया के रूप में हुई है।
इस हादसे में बची एक किशोरी ने कंपकंपाती आवाज में बताया- “हम सभी लोग मंदिर जा रहे थे। गाड़ी में भजन गा रहे थे, तभी अचानक गाड़ी फिसल गई और नहर में जा गिरी। उसके बाद सब कुछ धुंधला हो गया। हमें कुछ भी समझ नहीं आया कि क्या हुआ।”
एक ग्रामीण ने बताया कि सभी लोग सिहा गांव के रहने वाले थे। बोलेरो में प्रह्लाद कसौधन का परिवार और रिश्तेदार सवार थे। प्रह्लाद कसौधन गांव के मेवालाल माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक हैं। रविवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे सभी लोग पृथ्वीनाथ मंदिर दर्शन के लिए निकले थे, जो गांव से 50 किमी दूर है। आधा सफर तय कर चुके थे, तभी यह भयावह हादसा हो गया।
S.P Gonda ने क्या कहा :
गोंडा के एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। ग्रामीणों के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़े करता है—क्या हमारी सड़कों पर सुरक्षा केवल किस्मत के भरोसे है? और क्या ऐसे परिवारों के आंसुओं की कोई कीमत हो सकती है?