
हिमाचल प्रदेश में दो भाइयों ने की एक ही युवती से शादी, बहुपति प्रथा की पुरानी परंपरा फिर आई चर्चा में :
❝एक ही लड़की से शादी – भारत में आज भी जीवित है यह अनोखी परंपरा❞
क्या आपने कभी सुना है कि दो सगे भाई एक ही लड़की से शादी कर लें? शायद आपको ये किसी फिल्म की कहानी लगे, लेकिन भारत के एक हिस्से में ये हकीकत है – और वो भी आज के समय में!
हम सबने महाभारत में पढ़ा है कि द्रौपदी ने पांच पांडवों से विवाह किया था, उस वक्त ये एक सामाजिक प्रथा थी, लेकिन अब अगर कोई कहे कि ऐसी परंपरा आज भी निभाई जाती है, तो यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है। मगर हिमाचल प्रदेश में ऐसा हुआ है – और वह भी पूरे रीति-रिवाज के साथ!
कहां हुआ ऐसा?
यह मामला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र का है, जहां दो सगे भाइयों ने एक ही युवती से शादी की है।
यह कोई नई परंपरा नहीं है, बल्कि यहां के ‘हाटी समुदाय’ में इसे “उजला पक्ष” कहा जाता है, जो एक पुरानी बहुपति परंपरा का हिस्सा है।
गांव वालों ने इस शादी को खुशी-खुशी स्वीकार किया और शादी को बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
बताया जा रहा है कि एक भाई सरकारी कर्मचारी है और दूसरा विदेश में नौकरी करता है।
क्यों निभाई जाती है ये परंपरा?
आइए, कुछ बिंदुओं में समझते हैं इस अजीब लेकिन ऐतिहासिक परंपरा को :
इस परंपरा को बहुपति प्रथा कहते हैं, जिसमें एक महिला की शादी दो या दो से ज्यादा पुरुषों, खासकर सगे भाइयों से होती है।
ऐसा मुख्य रूप से जमीन और संपत्ति के बंटवारे से बचने के लिए किया जाता था, एक ही पत्नी होने से ज़मीन का बंटवारा नहीं होता।
पुराने समय में जब भाई अलग-अलग काम के लिए बाहर जाते थे, तब घर की सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभालने के लिए यह परंपरा निभाई जाती थी।
यह परंपरा सिर्फ शिलाई या सिरमौर में नहीं, बल्कि उत्तराखंड के जौनसार-बावर और हिमाचल के किन्नौर जिले में भी पहले प्रचलित रही है।
फिर से क्यों आई चर्चा में?
जहां आजकल ऐसे रीति-रिवाज लगभग खत्म हो चुके हैं, वहीं 70-80 के दशक के बाद अब इस तरह की शादी का मामला फिर सामने आना न केवल चौंकाता है, बल्कि एक बार फिर पुरानी परंपराओं पर सोचने को मजबूर करता है।
भारत विविधताओं से भरा देश है, यहां हर इलाके की अपनी परंपराएं और मान्यताएं हैं, दो भाइयों की एक लड़की से शादी की यह परंपरा आज भी जीवित है, यह जानकर हम हैरान जरूर हो सकते हैं, लेकिन यह हमारी संस्कृति और समाज की विविधता का अनोखा उदाहरण भी है।

