सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थनगर का प्रसिद्ध कालानमक चावल अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी खास पहचान बनाने जा रहा है। वर्षों से स्थानीय किसानों और उत्पादकों के लिए गर्व का विषय रहा यह चावल अब विदेशों में भी तेजी से अपनी जगह बना रहा है।
दीपावली के शुभ अवसर पर कालानमक चावल से बने आटे की खास कुकीज युगांडा और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में उपलब्ध होंगी। जानकारी के अनुसार, युगांडा की एक कंपनी ने 10 हजार पीस कुकीज का आर्डर दिया है, वहीं ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ने भी इसी तरह के कुकीज का ऑर्डर दिया है।
विदेशी खरीदारों का मानना है कि कालानमक चावल का उत्पादन भगवान बुद्ध की धरती से जुड़ा हुआ एक पवित्र प्रसाद है, यही कारण है कि यह चावल और इसके उत्पाद सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्ता का प्रतीक माने जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कालानमक चावल की अनोखी खुशबू, स्वाद और पोषण गुणवत्ता ने इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है, इसके आटे से बनी कुकीज के निर्यात से किसानों को न केवल अच्छा निवेश मिलेगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों का प्रचार-प्रसार भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा।
स्थानीय प्रशासन और उद्योग विभाग इस परियोजना के तहत किसानों और उत्पादकों को निरंतर समर्थन प्रदान कर रहे हैं, ताकि वे बेहतर उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण और निर्यात की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल सिद्धार्थनगर की खेती और उद्योग के लिए एक बड़े आर्थिक अवसर का मार्ग खोलेगी। इसके साथ ही प्रदेश और देश का नाम भी वैश्विक स्तर पर रोशन होगा।
इस प्रकार, कालानमक चावल अब सिर्फ सिद्धार्थनगर या प्रदेश का ही नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो भारतीय कृषि और सांस्कृतिक विरासत की मिसाल पेश करेगा।
Reported by : Sajid Ali Khan, Reporter -Siddharthnagar (Up Live Express)






