लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की भव्य रैली में पार्टी प्रमुख मायावती ने जनसमुदाय को संबोधित किया।
मायावती ने कहा कि “यूपी में बसपा शासनकाल के दौरान कासगंज जिले का नाम मान्यवर कांशीराम नगर रखा गया था, लेकिन जैसे ही सपा सत्ता में आई, उन्होंने उसका नाम बदल दिया। यह केवल नाम नहीं, बल्कि बहुजन आंदोलन के गौरव का अपमान था।”
उन्होंने कहा कि “इमरजेंसी के दौर में संविधान को कुचल दिया गया था। बाबा साहेब को संसद तक नहीं पहुंचने दिया गया और उन्हें भारत रत्न देने में भी भेदभाव किया गया। सपा ने भी कांशीराम जी का हमेशा अपमान किया है। अब समय है कि दलित समाज जागरूक होकर अपना हक पहचानें।”
मायावती ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि “हम वर्तमान भाजपा सरकार के आभारी हैं, क्योंकि समाजवादी पार्टी सरकार के विपरीत, इस स्मारक स्थल पर आने वाले लोगों से एकत्र धन को दबाया नहीं गया है। जब यह स्मारक बना था, तब हमने तय किया था कि यहां आने वालों से जो टिकट से राजस्व प्राप्त होगा, उसे अन्य कार्यों में नहीं बल्कि पार्कों और स्मारक स्थलों के रखरखाव में ही लगाया जाएगा।”
मायावती ने आगे कहा कि “आज आप सब कांशीराम स्मारक पर श्रद्धांजलि देने आए हैं — यह वही स्मारक है जो बसपा शासनकाल की देन है। पहले इसके कुछ हिस्सों की मरम्मत नहीं हो पाई थी, लेकिन अब अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है। आज आप सबकी अभूतपूर्व उपस्थिति ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं — लाखों की संख्या में कांशीराम जी को श्रद्धांजलि देने आना, यह बताता है कि बहुजन आंदोलन आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।







