
महराजगंज के गौंसदन को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रशासन ने कमर कस ली है, जिलाधिकारी ने गौंसदन परिसर का निरीक्षण किया और वहां चल रही गतिविधियों का जायजा लिया, निरीक्षण के दौरान उन्होंने गोकाष्ठ, वर्मी कंपोस्ट निर्माण, भूसा और चारे की स्थिति का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सोलर ट्यूबवेल का प्रस्ताव :-
जिलाधिकारी ने परिसर में नियमित सफाई कराने और समय-समय पर विशेष सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए, उन्होंने बिजली संकट से बचने के लिए सोलर ट्यूबवेल लगवाने की बात कही ताकि जलापूर्ति कभी बाधित न हो और बिजली बिल में भी कटौती हो सके, इसके साथ ही गोसदन की भूमि पर सोलर प्लांट लगवाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा।
143 कुंतल गोकाष्ठ का निर्माण, 93 कुंतल की बिक्री :-
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गोसदन में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा अब तक 143 कुंतल गोकाष्ठ का निर्माण किया गया है, जिसमें से 93 कुंतल गोकाष्ठ 500 रुपए कुंतल की दर से बेचा जा चुका है, इससे गोसदन को 9300 रुपए और समूह को 37200 रुपए की आय प्राप्त हुई है।
550 कुंतल वर्मी कंपोस्ट तैयार :-
इसी प्रकार 550 कुंतल वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया गया है, 342 कुंतल कंपोस्ट की बिक्री से गोसदन को 48,000 रुपए और समूह को 1,79,772 रुपए की आय हुई है, जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इन उत्पादों को बेहतर मार्केट लिंकेज दिलाने का प्रयास किया जाए।
हरे चारे की उपलब्धता बढ़ाने और बांस रोपण के निर्देश :-
गोसदन में पशुओं के लिए भूसा और हरे चारे की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने हरे चारे का उत्पादन बढ़ाने को कहा, साथ ही रेंजर मधवलिया को गौंसदन की भूमि पर बांस का रोपण कराने के निर्देश दिए ताकि अतिरिक्त आय अर्जित की जा सके।
गौंसदन को आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य :-
जिलाधिकारी ने कहा कि गोसदन की व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारी इस दिशा में समर्पित होकर काम करें ताकि गोसदन अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं कर सके और अतिरिक्त आय भी अर्जित कर एक मॉडल गोसदन के रूप में उभरे।