
आंपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर की घोषणा कर दी गई थी, पर अभी भी आंपरेशन सिंदूर पर चर्चाएं जारी है…!राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक हुए सीजफायर को लेकर उन्होंने तीखे सवाल खड़े किए, गहलोत ने कहा, पूरे देश को समझ नहीं आ रहा कि अचानक सीजफायर क्यों हुआ- आखिर कौन घबरा गया हिन्दुस्तान या पाकिस्तान…?भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक घोषित हुए सीजफायर पर कांग्रेस ने जमकर सवाल उठाए है…!AICC ( All India Congress Committee) मुख्यालय, दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि कौन घबरा गया पाकिस्तान या हिंदुस्तान…? उन्होंने पूछा कि जब भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ सख्ती और कठोरता से कार्रवाई कर रही थी, तो ऐसा कौन-सा दबाव था जिससे अचानक सीजफायर की घोषणा करनी पड़ी…?गहलोत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी का हवाला देते हुए सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि “मैं कश्मीर मसला सुलझा दूंगा” गहलोत ने पूछा कि “ट्रंप साहब कौन होते हैं भारत-पाक मसले में ठेकेदारी करने वाले…? उन्हें ये हक किसने दिया, ये हमारे देश की विदेश नीति और संप्रभुता पर सवाल है ।अशोक गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका के दबाव में आकर सीजफायर किया गया है, उन्होंने कहा जब सेना सीमाओं पर मजबूती से आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रही थी, तो अचानक रुकने की क्या जरूरत पड़ गई, क्या यह अमेरिका की कोई रणनीतिक या सिफारिश थी, क्या इस फैसले में पारदर्शिता है ।गहलोत ने यह स्पष्ट करने की मांग की कि भारत ने कब और क्यों इस तरह का बड़ा कदम उठाया, और उन्होंने यह भी जोड़ा कि शिमला समझौते के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी विवाद केवल द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाएगा, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता या हस्ताक्षेप से ।