महराजगंज जिले के फरेंदा स्थित आनंदनगर में करीब 20 लाख रुपये की लागत से बना सुंदर पार्क अब उपेक्षा और अव्यवस्था का प्रतीक बन चुका है, कभी परिवारों और बच्चों की पसंदीदा सैरगाह रहा यह पार्क अब लंबी घास, सूखे पत्तों और झाड़ियों के जंगल में तब्दील हो गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत ने शुरुआत में इसे शहर का आकर्षण केंद्र बनाने का दावा किया था, लेकिन निर्माण के बाद रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
अब हाल यह है कि बेंचें टूटी पड़ी हैं, बच्चों के झूले जंग खा रहे हैं, और पूरे पार्क में सांप-कीड़ों का डर बना रहता है।

निवासियों ने बताया कि न तो माली की नियुक्ति की गई और न ही नियमित सफाई या पानी की व्यवस्था, धीरे-धीरे हरियाली सूख गई और पार्क की सुंदरता खत्म हो गई, लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि जनता के टैक्स से बने इस पार्क पर 20 लाख रुपये खर्च हुए, लेकिन रखरखाव न होने से यह पैसा पानी में बह गया।
इस पर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अनुज भारती ने कहा कि –
> “पार्क की देखरेख के लिए नया ठेका देने की प्रक्रिया चल रही है। बरसात के बाद सफाई अभियान चलाकर घास-झाड़ियों को हटाया जाएगा।”
हालांकि, नागरिकों का कहना है कि केवल वादों से काम नहीं चलेगा — जब तक प्रशासनिक निगरानी और जवाबदेही नहीं बढ़ेगी, तब तक ऐसी योजनाएं कागजों में ही चमकती रहेंगी।





